मेरा लक्ष्य
मेरा राजनीति चिंतन
मै अपने बालपन से ही अपने आस-पास प्रशासन का बहुत बड़ा रोल देखा था ,की समाज में किस तरह से सरकार अपनी प्रशासन को अधिकारियो के माध्यम से करता है | मेरा गाँव एक छोटा शहर से लगा हुआ था तो प्रशासन की इकाई कुछ अधिकारियो को देखना होता था | क्योंकि मेरा गाँव कोंडागांव जिले के एक उपजिला /अनुविभाग फरसगांव के पास में ही था | मेरा प्रारभिक पढाई अपने गाँव में हुई , उसके बाद मै माध्यमिक स्तर की पढाई हेतु आदर्श विद्यालय फरसगांव गया |
यहाँ से मै अपनी जीवन में सफलता की एक सीड़ी पार कर लिया ऐसा महसूस हुआ था क्योंकि यह विद्यालय बस्तर कि बहुत प्रसिद्द विद्यालय था |यहाँ से मै बहुत उच्च स्तर की सोच सोचने लगा ,मै बहुत ही चिन्तनशील मानव था मै आपने आस-पास से बहुत कुछ सीखता रहता था | मेरा रुझान बालपन से सामाज सेवा की ओर झुकने लगा था | मै समाज के लिए बहुत कुछ करना चाहता था क्योंकि मै बचपन से ही समाज और आस-पास की दयनीय स्थिति देख रहा था | खासकर मै अपने आदिवासी ,पिछड़ा वर्ग , गरीब समाज के लिए बहुत कुछ करने की सोचता रहता था | मै भी बहुत ही गरीब परिवार से ही हु तो मै अपने स्तर पर जहा तक हो सके मै मदद
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