बेरोजगार बाबु
बेरोजगारी
नौकरी
की चाह में, हमने, घर बार सब त्यागा हैं।
शिक्षा जरुरी है सभी के लिए, नौकरी जरुरी है कमाई के लिए |
माँ कहती है घर जाने पर, क्या तू
रात भर जागा हैं।
सम्मान उसी का होता है, जो जल्दी
कुछ बन जाता हैं।
आज का युग बेरोजगारी से तंग है, लोग करते
हम पे व्यंग है |
पढ़े लिखे
भी आज कल घर बैठे हैं, अपने सपनो की गठरी ले कर लेटे हैं,
रोज़गार न
मिलने पर रोते रहते हैं , रात में आंसू लेकर सोते है |
बेरोजगारी
ने जीवन को कर दिया बर्बाद ,नशे की लत में डूब गया
आज का समाज |
डिग्री नहीं है हाथ में कटोरा, चाहे छोरी
हो या छोरा |
टेलेंट की कमी नहीं हैं छ.ग.की सड़कों पर ,दुनिया बदल देगे भरोसा करो इन लड़कों पर |
नौकरी की ....................................................|
घर बार..................................... |
KARAN MARKAM
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